Kavita Jha

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नया साल#लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -29-Dec-2022


हरिप्रिया छंद (१२,१२,१२,१० पदांत दो गुरु)
नया साल
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नया साल भर उमंग, जीवन आए तरंग, 
लोग रहें देख दंग, ऐसा हो जाए।
मिले हमें छंद ज्ञान , भावों का हो प्रदान, 
लगा रहे पूर्ण ध्यान, मन में यह आए।।(१)

सभी राग द्वेष भूल, निभा सकें सब उसूल, 
जुड़ा रहे देख मूल, मन से यह चाहें।
लेखन का कर प्रयास, कलम हुई एक आस,
 मत रहना तुम उदास,दिखे नई राहें।।(२)


 सोने हीरे समान, बढ़ जाए रोज ज्ञान, 
बनी रहे हिंद शान, मन में है ठाना।, 
नया वर्ष इंतजार, दिन जाएंँ बीत चार ,
बने शब्द पुष्प हार, लिखते ही जाना।‌। (३)

कविता झा'काव्या'
रांची झारखंड
# लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता

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4 Comments

सुन्दर अति सुन्दर

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Sachin dev

30-Dec-2022 04:28 PM

Well done ✅

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Renu

29-Dec-2022 03:11 PM

👍👍🌺

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